“विद्याधनं सर्वधनम् प्रधानम्” का पवित्र उद्घोष मेरे अन्तर्मन को छात्र जीवन से ही अनुप्राणित करता रहा है। यही कारण रहा है कि मैंने विद्याध्ययन के समय से ही शिक्षा जगत का दीप बनकर प्रकाश फ़ैलाने का संकल्प ले लिया था। विद्यार्थी जीवन के बाद मैं कोई विकल्प तलाशे बिना शिक्षा जगत से जुड़कर अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए अनुभव संजोता रहा । आज का यह ‘सेंट्रल स्कूल’ उसी संकल्प और अनुभव का परीणाम है । आज के नौनिहालों एवं इस देश के भावी कर्णघरों को उचित शिक्षा और संस्कार देकर आदर्श राष्ट्र का निर्माण करना विद्यालय मूल उद्देश्य है। शिक्षा ही राष्ट्र की समृध्दि का आधार है, मानव जाती की सच्ची पूंजी है और शांति का स्त्रोत है। इस विचार के साथ इस विधालय के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के महान् कार्य में मेरे साथ जो भी महानुभाव जुड़े हैं उनके प्रति मैं सच्चे ह्रदय से कृतज्ञ हूँ । मेरा यह लघुप्रयाश उन पूज्य पिताजी को समर्पित है जिन्होंने मुझे राष्ट्र सेवा के इस महान कार्य के योग्य बनाया है।
हमें आप सबों का सहयोग अपेक्षित है ताकि यह विधालय ज्ञान-विज्ञान एवं संस्कार का आदर्श प्रतिमान बनकर राष्ट्र निर्माण में मील का पत्थर साबित हो सके।
Prof. S.B Sharma